HDB Financial Services, को सेबी से 12,500 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए मंजूरी ; HDFC Bank की 94.36% हिस्सेदारी, 10,000 करोड़ रुपये शेयर बेचेगा बैंक


HDFC बैंक की सब्सिडीयरी कंपनी  HDB Financial Services, को सेबी से 12,500 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए मंजूरी मिल गई है। यह मंजूरी 3 जून 2025 को प्राप्त हुई थी। यह IPO भारत में किसी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) का अब तक का सबसे बड़ा IPO होगा और कुल मिलाकर पांचवां सबसे बड़ा IPO होगा। कंपनी ने अक्टूबर 2024 में ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल किया था, और यह RBI के उस निर्देश का पालन करता है, जिसमें बड़ी  NBFCs को सितंबर 2025 तक स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होने का निर्देश दिया है।

IPO की संरचना :

कंपनी आईपीओ से  12,500 करोड़ रुपये की राशि जुटाएगी।  जिसमें  2,500 करोड़ रुपये शेयर फ्रेश इश्यू करेगी, जिसका उपयोग कंपनी अपने Tier-I पूंजी आधार को मजबूत करने, भविष्य की पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने और उधार देने के लिए करेगी। और 10,000 करोड़ रुपये शेयर ऑफर फॉर सेल (OFS), जिसमें HDFC Bank अपनी हिस्सेदारी बेचेगी। HDFC Bank की HDB Financial Services में 94.36% हिस्सेदारी है।

कंपनी के बारे में :

HDB Financial Services की स्थापना 2007 में हुई थी और यह एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) है, जो सुरक्षित और असुरक्षित दोनों तरह के ऋण प्रदान करती है। कंपनी की भारत भर में 27 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों में 1,747 से अधिक शाखाएं हैं। HDB Financial Services व्यक्तियों और छोटे व्यवसायों को ऋण देती है।  

IPO का उद्देश्य:

फ्रेश इश्यू से प्राप्त राशि का उपयोग Tier-I पूंजी को मजबूत करने और व्यवसाय विस्तार, विशेष रूप से उधार और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए किया जाएगा। OFS के माध्यम से HDFC Bank अपनी हिस्सेदारी का एक हिस्सा बेचेगी, लेकिन IPO के बाद भी HDB Financial Services इसकी सहायक कंपनी बनी रहेगी।

IPO की कीमत और अन्य विवरण अभी तय नहीं हुए हैं, और निवेशकों को अंतिम जानकारी के लिए आधिकारिक घोषणाओं का इंतजार करना चाहिए।

डिसक्लेमर : शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है। Rajasthan Scoop किसी भी स्टॉक, म्यूचुअल फंड या आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है। यहाँ पर सिर्फ जानकारी दी गई है। निवेश से पहले सेबी से जुड़े एक्सपर्ट या अपने वित्तीय सलाहकर से सलाह लें।