इकोनॉमिक सर्वे 2025 : इस साल जीडीपी 6.4% रहने का अनुमान, जानिए क्या है जीडीपी दर


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत का आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2025 (Economic Survey of India 2025) संसद में पेश की है। इकोनॉमिक सर्वे 2025 की रिपोर्ट अनुसार अगले साल यानि वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की जीडीपी विकास दर 6.3 फीसदी से 6.8 फीसदी और वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत की जीडीपी विकास दर 6.4 फीसदी रहने का अनुमान है। जो कि पिछले साल के इकोनॉमिक सर्वे रिपोर्ट के अनुमानित से भी कम है। जीडीपी विकास दर का यह अनुमान पिछले 4 सालों में सबसे कम है।

क्या है जीडीपी विकास दर ?

जीडीपी (GDP) का पूरा नाम है "सकल घरेलू उत्पाद" (Gross Domestic Product)। यह किसी भी देश की आर्थिक गतिविधि का मापदंड होता है और यह बताता है कि उस देश में एक निश्चित समय अवधि (साधारणत: एक वर्ष) में कुल कितनी वस्तुएं और सेवाएं उत्पादित हुई हैं। इसे देश की समग्र आर्थिक सेहत का संकेतक माना जाता है। यह एक देश की आर्थिक स्थिति और उसकी समृद्धि को मापने का प्रमुख तरीका है।

जीडीपी से यह जानकारी मिलती है कि देश की अर्थव्यवस्था कितनी बड़ी है, और वह विकास की दिशा में कहां खड़ा है। इसे तीन प्रमुख तरीकों से मापा जा सकता है:

जीडीपी की गणना कैसे की जाती है? जीडीपी की गणना आमतौर पर तीन तरीकों से की जाती है:

उत्पादन विधि (Production Method): इस विधि में, हर उद्योग द्वारा उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं का कुल मूल्य जोड़कर जीडीपी की गणना की जाती है।

व्यय विधि (Expenditure Method): इसमें पूरे देश के कुल खर्च (उपभोक्ता खर्च, निवेश, सरकारी खर्च, निर्यात - आयात के अंतर) को जोड़कर जीडीपी की गणना की जाती है।

आय विधि (Income Method): इस विधि में, देश में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन से उत्पन्न आय (मजदूरी, लाभ, किराया, ब्याज आदि) को जोड़कर जीडीपी की गणना की जाती है।

जीडीपी के प्रकार:

नाममात्र जीडीपी (Nominal GDP): इसमें केवल मौजूदा कीमतों पर आधारित उत्पादन की गणना की जाती है, यानी यह महंगाई के प्रभाव को नहीं हटाता।

वास्तविक जीडीपी (Real GDP): इसमें महंगाई का असर हटाकर केवल उत्पादन के वास्तविक स्तर को मापा जाता है। इसे अधिक सटीक माना जाता है क्योंकि यह समय के साथ उत्पादन में वास्तविक वृद्धि को दर्शाता है।

जीडीपी वृद्धि दर (GDP Growth Rate): यह जीडीपी के पिछले साल के मुकाबले वृद्धि या गिरावट को दर्शाता है। यह किसी देश की आर्थिक विकास दर को मापने का एक तरीका है।

जीडीपी क्यों महत्वपूर्ण है?

आर्थिक विकास का माप: जीडीपी से यह पता चलता है कि कोई देश कितना विकसित या पीछे है। इसका उपयोग देशों के बीच आर्थिक तुलना के लिए किया जाता है।

नीति निर्माण: सरकारें और नीति निर्माता जीडीपी के आंकड़ों के आधार पर योजनाएं बनाते हैं और निर्णय लेते हैं।

जीवन स्तर का निर्धारण: जीडीपी के बढ़ने से आमतौर पर जीवन स्तर में सुधार होता है, क्योंकि इसका मतलब है कि अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है और रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं।