एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को भारत में जल्द सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू करने के लिए लाइसेंस मिलेगा


एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को भारत में जल्द ही सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू करने के लिए लाइसेंस मिलने की संभावना है। भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) ने मई 2025 में स्टारलिंक को लेटर ऑफ इंटेंट (LoI) जारी किया है, जो इसे ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट (GMPCS) लाइसेंस प्राप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) से अंतिम मंजूरी मिलने की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है।

लॉन्च और कीमत :

स्टारलिंक भारत में अपनी सेवाएं शुरू करने की तैयारी कर रही है, जिसमें अनलिमिटेड डेटा के साथ शुरुआती प्रोमोशनल प्लान $10 (लगभग ₹840) प्रति माह से शुरू हो सकते हैं। यह कीमत वैश्विक बाजारों, जैसे अमेरिका (जहां प्लान $80-$120 प्रति माह हैं), की तुलना में काफी कम है। यह किफायती मूल्य भारत के ग्रामीण और कम कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में उपयोगकर्ताओं को आकर्षित करने के लिए रणनीतिक कदम है। रिपोर्ट्स के अनुसार, स्टारलिंक की सेवाएं 2026 के मध्य या अंत तक शुरू हो सकती हैं, जो शहरी क्षेत्रों से शुरू होकर ग्रामीण क्षेत्रों तक विस्तारित होंगी।

स्पीड और बैंडविड्थ :

शुरुआती चरण में स्टारलिंक 600-700 Gbps बैंडविड्थ के साथ सेवा शुरू करेगी, जो 2027 तक 3 Tbps तक विस्तारित होने की उम्मीद है। यह हाई-स्पीड और लो-लेटेंसी इंटरनेट प्रदान करेगी, खासकर उन क्षेत्रों में जहां पारंपरिक ब्रॉडबैंड उपलब्ध नहीं है।

स्टारलिंक की भारत में एंट्री से इंटरनेट कनेक्टिविटी, खासकर दूरदराज के क्षेत्रों में, क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है। किफायती अनलिमिटेड डेटा प्लान और हाई-स्पीड इंटरनेट के साथ यह पारंपरिक टेलीकॉम कंपनियों के लिए बड़ी चुनौती पेश करेगा। हालांकि, नियामक शर्तें और हार्डवेयर लागत बड़े पैमाने पर अपनाने में बाधा बन सकती हैं। स्टारलिंक को भारत में डेटा सेंटर स्थापित करने और सुरक्षा एजेंसियों को कॉल इंटरसेप्शन की अनुमति देने जैसी शर्तों का पालन करना होगा।