अटल बिहारी वाजपेयी पाकिस्तान में बोले- मुझे दहेज़ में पकिस्तान चाहिए


अटल बिहारी वाजपेयी अपनी मृदु भाषण शैली और वाकपटुता के लिए जाने जाते थे. तीन बार प्रधानमंत्री बने वाजपेयी एक प्रखर वक्ता, कवि, पत्रकार व अजातशत्रु राजनेता थे. वाजपेयी की भाषण शैली इतनी प्रभावशाली थी कि उनके भाषण हमेशा चर्चा का विषय रहते थे.   

वाजपेयी की ओजस्वी आवाज और शानदार प्रभावशाली भाषण शैली से विपक्षी नेता भी उनके कायल थे. इसलिए हर कोई उनके भाषण सुनना पसंद करता है. वाजपेयी के कई भाषणों की चर्चा आज भी होती है. वर्ष 1977 में संयुक्त राष्ट्र में हिन्दी में दिया गया उनका भाषण बहुत चर्चित रहा. अटल बिहारी वाजपेयी को हमेशा प्रखर वक्ता के रूप में उनकी वाकपटुता के लिए याद किया जाता है. वाजपेयी एक प्रखर वक्ता होने के साथ - साथ ही हाजिर जवाब बहुत थे.

वर्ष 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे और भारत - पाकिस्तान के संबंधो में मधुरता लाने के लिए अमृतसर से लाहौर ( पाकिस्तान ) के बीच एक बस यात्रा शुरुआत की गई. इस ऐतिहासिक यात्रा में प्रधानमंत्री वाजपेयी स्वयं अमृतसर से बस में सवार होकर लाहौर पहुँचे थे. लाहौर पहुंचने पर प्रधानमंत्री वाजपेयी का जोरदार स्वागत किया गया. इस दौरान लाहौर गवर्नर हाउस के कार्यक्रम में वाजपेयी ने जोरदार भाषण दिया.

प्रधानमंत्री वाजपेयी के भाषण के पश्चात पाकिस्तान की एक महिला पत्रकार ने उनसे सवाल पूछा कि आपने अभी तक शादी क्यों नहीं की. मैं आपसे शादी करना चाहती हूँ लेकिन मेरी एक शर्त है कि आपको मुंह दिखाई में मुझे कश्मीर देना पड़ेगा. महिला पत्रकार की बात सुनने के बाद वाजपेयी हंसने लगे और बोले कि मैं शादी के लिए तैयार हूँ लेकिन मेरी भी एक शर्त है कि मुझे दहेज में पूरा पाकिस्तान चाहिए.