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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज 18 वीं लोकसभा के बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति के सम्बोधन के बाद इकोनॉमिक सर्वे पेश करेगी।इकोनॉमिक सर्वे बजट से पहले पेश किया जाता है। इसमें देश की जीडीपी, महंगाई और अर्थव्यवस्था से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारीयां है। इकोनॉमिक सर्वे के माध्यम से पता चलता है कि देश की अर्थव्यवस्था की हालात कैसी है।
क्या होता है इकोनॉमिक सर्वे ?
इकोनॉमिक सर्वे (Economic Survey) एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ होता है जिसे भारत सरकार हर साल बजट से पहले तैयार करती है। इकोनॉमिक सर्वे का उद्देश्य सरकार को अर्थव्यवस्था के मौजूदा हालात पर सही निर्णय लेने में मदद करना है, और वित्त मंत्री द्वारा संसद में प्रस्तुत किया जाता है। इकोनॉमिक सर्वे देश की आर्थिक स्थिति, विकास दर, प्रमुख आर्थिक संकेतकों, और सरकार के द्वारा किए गए विभिन्न आर्थिक सुधारों का संक्षेप में विश्लेषण प्रस्तुत करता है। इसके द्वारा यह बताया जाता है कि पिछले वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था ने कैसी प्रगति की है और आगामी वर्ष में किस दिशा में विकास की संभावना है।
इकोनॉमिक सर्वे में निम्नलिखित प्रमुख जानकारी होती है:
आर्थिक प्रदर्शन का विश्लेषण: इसमें GDP (सकल घरेलू उत्पाद), महंगाई दर, कृषि, उद्योग, सेवाएं और निर्यात-आयात जैसी प्रमुख आर्थिक गतिविधियों का विश्लेषण किया जाता है।
सरकारी नीतियां और योजनाएं: सरकार द्वारा लागू की गई आर्थिक नीतियों और योजनाओं का आकलन किया जाता है और इनके प्रभावों का विश्लेषण किया जाता है।
आर्थिक चुनौतियां और अवसर: इकोनॉमिक सर्वे में प्रमुख आर्थिक चुनौतियों (जैसे बेरोजगारी, मुद्रास्फीति, और कर्ज) और संभावित अवसरों का उल्लेख किया जाता है, जिससे सरकार और नीति निर्माता आगामी योजनाओं को बेहतर बना सकें।
विकास के उद्देश्य और रणनीतियां: आने वाले समय में विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए विभिन्न रणनीतियों की रूपरेखा दी जाती है।
क्यों जरूरी है इकोनॉमिक सर्वे ?
इकोनॉमिक सर्वे (Economic Survey) भारत की अर्थव्यवस्था की गहरी समझ प्रदान करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इकोनॉमिक सर्वे एक विस्तृत दृष्टिकोण से सरकार, जनता और बाजार के लिए उपयोगी होता है, जिससे समग्र आर्थिक सुधार और विकास की दिशा तय की जा सकती है। यह सरकार को सही दिशा में नीतियां बनाने में मदद करता है और देश के नागरिकों के लिए भी यह कई महत्वपूर्ण कारणों से जरूरी है।
कौन तैयार करता है इकोनॉमिक सर्वे ?
इकोनॉमिक सर्वे भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग (Department of Economic Affairs) द्वारा तैयार किया जाता है। इस दस्तावेज़ का मुख्य उद्देश्य भारत की अर्थव्यवस्था का वार्षिक विश्लेषण प्रस्तुत करना होता है।
इकोनॉमिक सर्वे को मुख्य आर्थिक सलाहकार (Chief Economic Advisor, CEA) और उनकी टीम तैयार करती है। मुख्य आर्थिक सलाहकार वित्त मंत्रालय में एक महत्वपूर्ण पद होता है, जो सरकार को आर्थिक मामलों पर सलाह देता है और इकोनॉमिक सर्वे का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया का नेतृत्व करता है।
इकोनॉमिक सर्वे की तैयारी के दौरान, विभिन्न आर्थिक डेटा और आंकड़े इकट्ठे किए जाते हैं, जिनका विश्लेषण किया जाता है, और फिर सर्वे में देश की आर्थिक स्थिति, विकास दर, कृषि, उद्योग, सेवाएं, और सरकार की नीतियों का विश्लेषण किया जाता है।