मणिपुर त्राहि - त्राहि कर रहा है, चुनाव युद्ध के जैसे लड़ा गया, आख़िर क्यों खफ़ा हुए आरएसएस प्रमुख भागवत


आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मणिपुर हिंसा और लोकसभा चुनाव के रेवैये के लिए राजनीतिक दलों को लेकर बड़ा बयान दिया. राजनीतिक जानकारों के अनुसार मोहन भागवत का ये बयान नरेन्द्र मोदी और बीजेपी पर आरएसएस का सीधा हमला  है.

हाल ही में चौथे चरण के चुनाव बाद बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने यह बयान दिया था कि, पहले हम कम सक्षम थे  इसलिए आरएसएस की जरुरत पडती थी. अब हम सक्षम है. बीजेपी खुद को चलाती है. बीजेपी को अब आरएसएस की जरुरत नहीं है.

नागपुर में संघ के कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा, मणिपुर एक साल से शांति की राह देख रहा है. इससे पहले दस साल शांत रहा और अब जो कलह वहाँ उपजी या उपजाई गई, उसकी आग में मणिपुर अभी तक जल रहा है, त्राहि - त्राहि कर रहा है. इस पर ध्यान कौन देगा ??”  

भागवत यही नहीं रुके उन्होंने कहा कि चुनाव में जो कुछ हुआ उस पर विचार करना होगा. जिस तरह की चीजे हुई है. दोनों पक्षों ने कमर कसकर हमला किया है. उससे विभाजन होगा, मानसिक और सामाजिक दरारें बढ़ेगी. चुनाव ऐसे लड़ा गया जैसे युद्ध हो. भागवत ने कहा कि आरएसएस जैसे संगठनों को इसमें अनावश्यक रूप से शामिल किया गया और तकनीक का उपयोग करके झूठ फैलाया गया.

भागवत ने कहा कि जो मर्यादा का पालन करते हुए काम करता है, गर्व करता है किन्तु अहंकार नहीं करता है, वही सही अर्थों में सेवक कहलाने का अधिकारी है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरएसएस और बीजेपी के बीच पिछले तीन चार साल से खींचतान चल रही है. आरएसएस बीजेपी से राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा राजनीतिक रूप देने और जल्दबाजी में मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा करने, ईडी – सीबीआई के दुरूपयोग करने और विपक्षी पार्टीयों को तोड़ने जैसे अनेको मुद्दों पर असहमत था लेकिन बीजेपी ने संघ को नजरंदाज किया.