बायोमेट्रिक मशीनों L0 से L1 फ्री अपग्रेड\" के नाम पर नया स्कैम ; क्या करें अगर आपके पास L0 डिवाइस है?


हाल ही में UIDAI ने आधार प्रमाणीकरण के लिए उपयोग होने वाली बायोमेट्रिक डिवाइसों के संबंध में नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। पुरानी बायोमेट्रिक डिवाइस (विशेष रूप से L0 स्तर की) अब काम नहीं करेंगी, क्योंकि UIDAI ने सुरक्षा और तकनीकी उन्नति के लिए L1 स्तर की डिवाइसों को अनिवार्य किया है।  


हैकिंग का नया तरीका 

ठगों द्वारा "L0 से L1 फ्री अपग्रेड" के नाम पर बायोमेट्रिक मशीनों को हैक करने का नया स्कैम सामने आया है। यह एक साइबर धोखाधड़ी है जिसमें फर्जी लिंक, मैसेज या कॉल के जरिए लोगों को लुभाया जाता है। इस तरह के स्कैम में ठग व्यक्तिगत जानकारी, जैसे आधार डिटेल्स, फिंगरप्रिंट डेटा या OTP चुराने की कोशिश करते हैं।


क्या है यह स्कैम ?

ठग "L0 से L1 फ्री अपग्रेड" का लालच देकर बायोमेट्रिक मशीन (जैसे आधार प्रमाणीकरण डिवाइस) के सॉफ्टवेयर को अपग्रेड करने का फर्जी दावा करते हैं। आपको SMS, WhatsApp, या ईमेल के जरिए एक लिंक भेजा जाता है, जिसमें अपग्रेड के लिए क्लिक करने को कहा जाता है। लिंक पर क्लिक करने से आपके डिवाइस में मैलवेयर इंस्टॉल हो सकता है, जो बायोमेट्रिक डेटा, पासवर्ड, या अन्य संवेदनशील जानकारी चुरा सकता है। स्कैमर्स UIDAI  नाम दुरुपयोग कर विश्वास जीतने की कोशिश करते हैं।


क्यों बंद हो रही हैं पुरानी बायोमेट्रिक डिवाइस ?

L0 स्तर की बायोमेट्रिक डिवाइसों में पुराने सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर हैं, जो साइबर हमलों और डेटा चोरी के प्रति कम सुरक्षित हैं। L1 डिवाइसें एन्क्रिप्शन और सुरक्षित प्रोटोकॉल (जैसे RD सर्विस) का उपयोग करती हैं, जो बायोमेट्रिक डेटा को बेहतर सुरक्षा प्रदान करती हैं।


UIDAI के नए नियम :

UIDAI ने आधार प्रमाणीकरण के लिए केवल रजिस्टर्ड डिवाइस (RD) और L1 स्तर की बायोमेट्रिक डिवाइसों को अनुमति दी है। L0 डिवाइसें अब आधार सर्वर से कनेक्ट नहीं हो सकतीं, क्योंकि इन्हें UIDAI की नई तकनीकी आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं माना गया।

तकनीकी अपग्रेड : पुरानी डिवाइसें नए सॉफ्टवेयर अपडेट्स और आधार के उन्नत सिस्टम के साथ संगत नहीं हैं। L1 डिवाइसें तेज और अधिक विश्वसनीय हैं, जो आधार प्रमाणीकरण प्रक्रिया को सुगम बनाती हैं। पुरानी डिवाइसों का उपयोग कर ठग फर्जी प्रमाणीकरण या डेटा चोरी कर सकते हैं। L1 डिवाइसें इस जोखिम को कम करती हैं।


क्या है L0 और L1 डिवाइस का अंतर ?

L0 डिवाइस पुरानी बायोमेट्रिक डिवाइसें हैं, जिनमें बेसिक सिक्योरिटी फीचर्स हैं। ये अब UIDAI के मानकों को पूरा नहीं करतीं। L1 डिवाइस ये नई पीढ़ी की डिवाइसें हैं, जो एन्क्रिप्शन, रजिस्टर्ड डिवाइस (RD) सर्विस, और UIDAI के नवीनतम मानकों के अनुरूप हैं।


क्या करें अगर आपके पास L0 डिवाइस है?

नई L1 डिवाइस खरीदें और पुरानी डिवाइस का उपयोग बंद करें। L0 डिवाइस अब आधार प्रमाणीकरण के लिए काम नहीं करेगी, इसलिए इसे तुरंत बदलें। "फ्री अपग्रेड" के नाम पर भेजे गए फर्जी लिंक से सावधान रहें।

जागरूक रहें : फर्जी मैसेज या कॉल्स से सावधान रहें, जो "L0 से L1 अपग्रेड" के नाम पर ठगी कर सकते हैं। किसी भी व्यक्ति या वेबसाइट के साथ OTP, आधार नंबर, या बायोमेट्रिक डेटा साझा न करें।

किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें और OTP/बायोमेट्रिक डेटा साझा न करें। UIDAI या अन्य सरकारी संस्थान कभी भी अपग्रेड के लिए लिंक नहीं भेजते।

अगर आपको फर्जी मैसेज या कॉल मिलते हैं, तो तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज करें। साइबर क्राइम की शिकायत के लिए cybercrime.gov.in पर संपर्क करें।

पुरानी L0 बायोमेट्रिक डिवाइसें अब UIDAI के नए सुरक्षा मानकों के कारण काम नहीं करेंगी। सुरक्षित और निर्बाध आधार प्रमाणीकरण के लिए L1 डिवाइस में अपग्रेड करें और फर्जीवाड़े से बचने के लिए सतर्क रहें। इस तरह के स्कैम से बचने के लिए हमेशा आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें और अनजान लिंक या कॉल्स से सावधान रहें।