इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग शुरू, इनकम टैक्स विभाग ने ITR-1 और ITR-4 फॉर्म जारी किया, 15 सितंबर है अंतिम तारीख


इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने वित्तीय वर्ष 2024-25 (असेसमेंट ईयर 2025-26) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइलिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ई-फाइलिंग पोर्टल पर ITR-1 (सहज) और ITR-4 (सुगम) जैसे फॉर्म्स उपलब्ध हैं। नए टैक्स रिजीम डिफॉल्ट है, लेकिन पुराने रिजीम का चयन करने के लिए फॉर्म 10-IEA दाखिल करना होगा।

ITR-1 (सहज) कौन फाइल कर सकता है?

ITR-1, जिसे 'सहज' फॉर्म के नाम से जाना जाता है, इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए एक सरल फॉर्म है और यह उन करदाताओं के लिए है, जिनकी आय का स्रोत सीमित है। वेतन, ब्याज, मकान किराये अन्य स्रोतों से आय, जैसे: बैंक जमा, फिक्स्ड डिपॉजिट, या बचत खाते पर ब्याजसे होने वाली आय शामिल है। 

एक नौकरीपेशा व्यक्ति जिसकी वेतन आय 40 लाख रुपये है, एक मकान से 5 लाख रुपये किराया, और बैंक ब्याज से 2 लाख रुपये की आय है, वह ITR-1 फाइल कर सकता है, बशर्ते कुल आय 50 लाख रुपये से कम हो और वह निवासी व्यक्ति हो। लेकिन, यदि कोई व्यक्ति स्टॉक मार्केट से पूंजीगत लाभ कमाता है या दो मकानों से किराया प्राप्त करता है, तो उसे ITR-2 या अन्य फॉर्म का उपयोग करना होगा।

कैसे फाइल करें :

इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉगिन करें, ITR-1 फॉर्म चुनें, और आवश्यक विवरण (फॉर्म 16, 26AS, AIS, आदि) के साथ भरें। रिटर्न फाइल करने के बाद, आधार OTP, डिजिटल सिग्नेचर, या फिजिकल ITR-V भेजकर वेरिफाई करें।

ITR-4 (सुगम) कौन फाइल कर सकता है ? 

ITR-4, जिसे 'सुगम' फॉर्म के नाम से जाना जाता है, उन करदाताओं के लिए है जो प्रेसम्पटिव टैक्सेशन स्कीम के तहत अपनी आय की गणना करते हैं और कुछ अन्य शर्तों को पूरा करते हैं। यह फॉर्म उन करदाताओं के लिए उपयुक्त है। जिनकी आय के स्रोत बिजनेस या प्रोफेशन , जो प्रेसम्पटिव टैक्सेशन स्कीम के तहत हो। छोटे व्यवसायों (जैसे दुकानदार, व्यापारी) के लिए, जिनका वार्षिक टर्नओवर 3 करोड़ रुपये तक है। आय को टर्नओवर का 6% (डिजिटल लेनदेन) या 8% (नकद लेनदेन) माना जाता है। प्रोफेशनल्स (जैसे डॉक्टर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट) के लिए, जिनकी वार्षिक आय 75 लाख रुपये तक है। आय को कुल रसीद का 50% माना जाता है।