राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने कहा कि गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत न्यूटन से पहले हमने दिया ; भास्कराचार्य ने 1150 लीलावती ग्रंथ में गुरुत्वाकर्षण के बारे में लिखा


राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने कहा कि गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत न्यूटन से पहले हमने दिया। उन्होंने कहा कि 1150 में भास्कराचार्य ने अपने ग्रंथ लीलावती में गुरुत्वाकर्षण के बारे में लिखा था, जिसमें बताया गया कि सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं। बाद में न्यूटन ने तो शोध किया था। राज्यपाल बागड़े ने अपेक्स यूनिवर्सिटी यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में यह बात कही।

राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने कहा कि - पहले हिन्दी वर्णमाला में ग से गणपति पढ़ाया जाता था, लेकिन कई लोगों ने आपत्ति की कि यह एक धार्मिक शब्द है।  यह एक धर्म का है, इसलिए यह नहीं चलेगा। ग से गधा चलेगा लेकिन यह नहीं। 

बागड़े ने यह भी कहा कि अंग्रेजों ने हमारी शिक्षा प्रलाणी खत्म कर दिया। बागड़े ने कहा कि गवर्नर मैकाले ने कहा कि भारत पर कब्जा बनाए रखने के लिए उसकी शिक्षा प्रलाणी को खत्म करना होगा और उन्होंने ऐसा ही किया।  

कौन थे भास्कराचार्य 

भास्कराचार्य, जिन्हें भास्कर द्वितीय के नाम से भी जाना जाता है, 12वीं सदी के प्रख्यात भारतीय गणितज्ञ और खगोलशास्त्री थे। उनका जन्म 1114 ईस्वी में हुआ था, और वे कर्नाटक के विजयपुरा ( वर्तमान में बीजापुर ) के पास चालुक्य साम्राज्य में पैदा हुए थे। उनके पिता मैदनाचार्य भी एक विद्वान थे, जिनसे उन्हें प्रारंभिक शिक्षा मिली। भास्कराचार्य ने गणित, खगोलशास्त्र और ज्योतिष के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया, और वे अपने समय के सबसे महान विद्वानों में से एक माने जाते हैं।

भास्कराचार्य ने प्रसिद्ध ग्रंथ सिद्धांत शिरोमणि की रचना की। जो ( लीलावती, बीजगणित, गोलाध्याय और ग्रहगणित ) चार खंडों में विभाजित है।