शशि थरूर के बयानों से कॉंग्रेस नाराज हुई ; थरूर के केन्द्र सरकार की तारीफ पर कहा - वो पार्टी लाइन क्रॉस कर रहे है


कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की हालिया बैठक में पार्टी ने शशि थरूर पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि उन्होंने अपनी टिप्पणियों और कार्यों से "लक्ष्मण रेखा पार कर दी है।" यह बयान मुख्य रूप से तुर्की के बहिष्कार और विदेश नीति से जुड़े मुद्दों पर थरूर के पार्टी लाइन से हटकर दिए गए बयानों के संदर्भ में आया है।

CWC ने थरूर के हाल के बयानों, खासकर तुर्की के खिलाफ भारत में चल रहे बहिष्कार पर उनकी टिप्पणियों को पार्टी की आधिकारिक नीति के खिलाफ माना। पार्टी का मानना है कि थरूर ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर स्वतंत्र राय देकर पार्टी की एकजुटता को कमजोर किया।

केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) के अध्यक्ष के. सुधाकरन ने बैठक में कहा, "थरूर ने बार-बार पार्टी लाइन को अनदेखा किया है। यह लक्ष्मण रेखा पार करने जैसा है।"

CWC ने स्पष्ट किया कि सभी नेताओं को पार्टी की नीतियों और रुख का पालन करना होगा, चाहे वे कितने भी वरिष्ठ हों। थरूर की स्वतंत्र छवि और बयानबाजी को पार्टी के लिए नुकसानदेह बताया गया। एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "यह समय व्यक्तिगत राय देने का नहीं, बल्कि सामूहिक नेतृत्व और अनुशासन का है।"

बैठक में थरूर के पिछले बयानों का भी जिक्र हुआ, जैसे 2021 में केरल की LDF सरकार के K-रेल प्रोजेक्ट का समर्थन। 2025 में ऑपरेशन सिंदूर और मोदी सरकार की विदेश नीति की तारीफ। पाकिस्तान के बिलावल भुट्टो की धमकी के जवाब में भारत के रुख का समर्थन, जिसे उदित राज जैसे नेताओं ने पार्टी लाइन से हटकर बताया। इन उदाहरणों को आधार बनाकर CWC ने थरूर की कार्यशैली पर सवाल उठाए। पार्टी ने यह भी संकेत दिया कि अगर थरूर का रवैया नहीं बदला, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई पर विचार किया जा सकता है।