सपा नेता रामगोपाल यादव ने विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर विवादित बयान; कहा कि भाजपा ने सोफिया कुरैशी को उनके धर्म के आधार पर निशाना बनाया, जबकि व्योमिका सिंह को राजपूत समझकर कुछ नहीं कहा, लेकिन वह \"जाटव\" हैं।


समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने 15 मई 2025 को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के बिलारी विधानसभा क्षेत्र में एक कार्यक्रम के दौरान विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर विवादित बयान दिया। यह बयान ऑपरेशन सिंदूर में उनकी भूमिका को लेकर था, जिसमें उन्होंने व्योमिका सिंह की जाति का जिक्र करते हुए जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया। इस बयान ने राजनीतिक और सामाजिक विवाद को जन्म दिया।

रामगोपाल यादव ने कहा, "विंग कमांडर व्योमिका सिंह हरियाणा की जाटव हैं... और एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती पूर्णिया के यादव हैं।" उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में शामिल सैन्य अधिकारियों को समाजवादी पार्टी की 'PDA' (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) रणनीति से जोड़ते हुए दावा किया कि "असली लड़ाई PDA ने लड़ी है।"

यादव मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए गए विवादित बयान की आलोचना कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सोफिया कुरैशी को उनके धर्म के आधार पर निशाना बनाया, जबकि व्योमिका सिंह को "राजपूत समझकर" कुछ नहीं कहा गया, लेकिन वह "जाटव चमार" हैं।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बयान की कड़ी निंदा की। उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, "सेना की वर्दी 'जातिवादी चश्मे' से नहीं देखी जाती। भारतीय सेना का प्रत्येक सैनिक 'राष्ट्रधर्म' निभाता है, न कि किसी जाति या मजहब का प्रतिनिधि होता है।" उन्होंने इसे सपा की "संकीर्ण मानसिकता" और सेना के सम्मान का अपमान बताया।

भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने यादव के बयान को सेना का अपमान और वोट बैंक की राजनीति करार दिया। केंद्रीय राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में भारत की सेना की बहादुरी को पूरी दुनिया ने देखा, और ऐसे बयान इसे कमतर करने की कोशिश हैं।

विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी ऑपरेशन सिंदूर में शामिल थीं, जिसके तहत 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की। दोनों ने विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया था।

मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके लिए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एफआईआर के निर्देश दिए। यादव ने इसी का हवाला देते हुए अपना बयान दिया, जो उल्टा विवाद का कारण बन गया।

रामगोपाल यादव का बयान उनकी पार्टी की PDA रणनीति को बढ़ावा देने की कोशिश के तहत था, लेकिन सैन्य अधिकारियों की जाति को सार्वजनिक रूप से उजागर करने और जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल ने इसे विवादास्पद बना दिया। यह बयान सेना की गरिमा और एकता पर सवाल उठाने वाला माना जा रहा है, जिसके लिए यादव और सपा को व्यापक आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।