मेड इन तुर्की के उत्पादों और पर्यटन का बहिष्कार कर रहे है भारतीय ; ऑपरेशन सिंदूर के वक्त पाकिस्तान को ड्रोन्स और हथियारों की मदद की थी


भारत में तुर्की के उत्पादों और पर्यटन का बहिष्कार तेजी से बढ़ रहा है, जिसका मुख्य कारण तुर्की का पाकिस्तान समर्थन और भारत-विरोधी रुख है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान तुर्की ने पाकिस्तान को ड्रोन और हथियारों की आपूर्ति कर समर्थन दिया, जिससे भारतीय जनता में आक्रोश फैल गया।

उत्पादों का बहिष्कार :

भारतीय व्यापारियों, खासकर पुणे, गाजियाबाद, और मुंबई जैसे शहरों में, ने तुर्की से आयातित सेबों की बिक्री बंद कर दी है। भारत हर साल तुर्की से 1,000-1,400 करोड़ रुपये के सेब आयात करता था, लेकिन अब व्यापारी हिमाचल, कश्मीर, ईरान, और न्यूजीलैंड जैसे विकल्पों को प्राथमिकता दे रहे हैं। इससे सेब की कीमतों में 20-30 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी हुई है।

उदयपुर के मार्बल व्यापारियों ने तुर्की से आयात ( लगभग 70% मार्बल आपूर्ति ) बंद करने का फैसला किया है। जैतून का तेल, सूखे मेवे, कपड़े, फर्नीचर, और टाइल्स जैसे तुर्की उत्पादों की मांग भी घट रही है।

पर्यटन पर प्रभाव :

2024 में लगभग 3.5 लाख भारतीय पर्यटकों ने तुर्की का दौरा किया था, लेकिन अब ट्रैवल कंपनियों जैसे EaseMyTrip, Ixigo, Cox & Kings, और MakeMyTrip ने तुर्की और अजरबैजान के लिए नई बुकिंग बंद कर दी हैं। फ्लाइट बुकिंग में 60% की गिरावट और कैंसिलेशन में 250% की वृद्धि दर्ज की गई है।

पूर्वांचल से 15,000 से अधिक पर्यटकों ने अपनी यात्रा रद्द की, और यह संख्या 25,000-30,000 तक पहुंच सकती है। पर्यटकों को ग्रीस, थाईलैंड जैसे वैकल्पिक गंतव्यों की सलाह दी जा रही है।

सोशल मीडिया पर #BoycottTurkey और #BoycottAzerbaijan जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। स्वदेशी जागरण मंच, कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT), और चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने तुर्की के साथ व्यापार और पर्यटन रोकने की अपील की है।

फिल्म निर्माता अशोक पंडित और सिंगर विशाल मिश्रा ने भी तुर्की में शूटिंग और संगीत कार्यक्रमों का बहिष्कार करने का आह्वान किया है।

2023 में तुर्की में आए भूकंप के दौरान भारत ने 'ऑपरेशन दोस्त' के तहत व्यापक सहायता प्रदान की थी, जिसमें NDRF टीमें, चिकित्सा सहायता, और राहत सामग्री शामिल थी।

तुर्की का पाकिस्तान को समर्थन, विशेष रूप से 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान ड्रोन और हथियारों की आपूर्ति, भारतीयों के लिए विश्वासघात माना जा रहा है।

तुर्की को होगा आर्थिक नुकसान

तुर्की की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का 12% योगदान है, और भारत इसका बड़ा बाजार है। बहिष्कार से तुर्की को अरबों रुपये का नुकसान हो सकता है। 2023-24 में भारत-तुर्की द्विपक्षीय व्यापार 10.43 अरब डॉलर था, जिसमें भारत का निर्यात 6.65 अरब और आयात 3.78 अरब डॉलर था।

भारत में तुर्की का बहिष्कार एक राष्ट्रीय भावना से प्रेरित आंदोलन बन गया है, जो व्यापार, पर्यटन, और सांस्कृतिक संबंधों को प्रभावित कर रहा है। यह कदम तुर्की को आर्थिक और कूटनीतिक रूप से सबक सिखाने की कोशिश है, जबकि भारत स्वदेशी और वैकल्पिक बाजारों को बढ़ावा दे रहा है।