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कतर और अमेरिका के बीच 14 मई 2025 को 1.2 ट्रिलियन डॉलर ( लगभग 100
लाख करोड़ रुपये ) की आर्थिक डील पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसे व्हाइट हाउस ने "ऐतिहासिक आर्थिक आदान-प्रदान" करार दिया है।
यह डील अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की कतर यात्रा के दौरान कतर के अमीर शेख
तमीम बिन हमद अल थानी के साथ हुई। यह राशि भारतीय रुपये में अनुमानित है, क्योंकि 1 ट्रिलियन डॉलर लगभग 83 लाख करोड़ रुपये के बराबर होता है।
विमानन सौदा : कतर एयरवेज ने बोइंग से 96 बिलियन डॉलर (लगभग 8 लाख करोड़ रुपये) का सौदा किया, जिसमें 210 बोइंग 787 ड्रीमलाइनर और 777X विमान खरीदे जाएंगे, जो GE एयरोस्पेस इंजनों से लैस होंगे। यह बोइंग का अब तक का सबसे बड़ा वाइडबॉडी ऑर्डर है, जो अगले कुछ वर्षों में अमेरिका में 1 मिलियन नौकरियों को समर्थन देगा।
रक्षा और सुरक्षा निवेश : कतर ने 38 बिलियन डॉलर (लगभग 3.15 लाख करोड़ रुपये) की राशि अल उदेद एयर बेस और अन्य हवाई रक्षा व समुद्री सुरक्षा क्षमताओं में निवेश करने की मंशा जताई है। यह बेस अमेरिका का सबसे बड़ा क्षेत्रीय सैन्य अड्डा है। कतर पहले से ही अमेरिका का तीसरा सबसे बड़ा रक्षा प्रणाली खरीदार है, जिसमें F-15 QA फाइटर जेट, C-17 ट्रांसपोर्ट प्लेन और अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर शामिल हैं।
ऊर्जा और बुनियादी ढांचा : मैकडरमोट ने कतर एनर्जी के साथ 8.5 बिलियन डॉलर
(लगभग 70,500 करोड़ रुपये) के सात सक्रिय प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है, जो ऊर्जा बुनियादी ढांचे को मजबूत करेंगे।
कतर ने पहले 2019 से अमेरिकी ऊर्जा क्षेत्र में 18 बिलियन डॉलर का निवेश किया
है, जिसमें गोल्डन पास LNG टर्मिनल (10 बिलियन डॉलर)
और गोल्डन ट्रायंगल पॉलिमर्स प्लांट (8 बिलियन डॉलर) शामिल हैं।
क्वांटम टेक्नोलॉजी : क्वांटिनम और कतर की अल रब्बन कैपिटल के बीच एक संयुक्त
उद्यम समझौता हुआ, जिसमें कतर 1 बिलियन डॉलर तक की राशि
अत्याधुनिक क्वांटम टेक्नोलॉजी और कार्यबल विकास में निवेश करेगा।
अन्य निवेश : पार्सन्स ने 97 बिलियन डॉलर (लगभग 8 लाख करोड़ रुपये) तक के 30 प्रोजेक्ट्स हासिल किए हैं, जो अमेरिकी इंजीनियरिंग और नवाचार में नेतृत्व को मजबूत करेंगे। कतर ने होटल, वित्तीय सेवाओं, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भी बड़े निवेश की योजना बनाई है।
कतर ने अमेरिका को 400 मिलियन डॉलर (लगभग 33,200 करोड़ रुपये) का बोइंग 747-8
जंबो जेट उपहार में देने की पेशकश की है, जिसे ट्रम्प प्रशासन एयर
फोर्स वन के रूप में अस्थायी उपयोग के बाद अपनी प्रेसिडेंशियल लाइब्रेरी को दान
करने की योजना बना रहा है। इस उपहार ने नैतिकता और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर
विवाद खड़ा किया है, क्योंकि इसे संवैधानिक उल्लंघन (Emoluments Clause) माना जा रहा है।
कतर और अमेरिका प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी के रूप में मजबूत रणनीतिक साझेदारी
साझा करते हैं। कतर अल उदेद एयर बेस में 10,000 अमेरिकी सैनिकों की मेजबानी करता
है और क्षेत्रीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कतर ने हाल ही में 18 फरवरी 2025 को भारत में 10 बिलियन डॉलर (लगभग 83,000
करोड़ रुपये) के निवेश की मैसेज द्वारा भेजा गया है। यह निवेश विभिन्न क्षेत्रों
में होगा, जिसमें ऊर्जा सहयोग और बुनियादी ढांचा शामिल
हैं। कतर भारत का प्रमुख LNG आपूर्तिकर्ता है, जो 2023 में भारत के कुल LNG आयात का 48% हिस्सा प्रदान करता है।
कतर और अमेरिका के बीच 1.2 ट्रिलियन डॉलर की डील दोनों देशों के बीच आर्थिक और
रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करती है। यह सौदा अमेरिकी विनिर्माण, नौकरियों, और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देगा, लेकिन कतर के उपहार और प्रभाव को लेकर कुछ विवाद भी सामने आए हैं।